विद्यालय का मुख्य हिस्सा |
मैं
अब और कहां जाऊं फरियाद करने, कितने पदाधिकारी आये अौर आश्वासन देकर गये
लेकीन आज तक हमारा विद्यालय अतिक्रमण को सहन कर के बच्चों को पढा रहा है
ताकि इनका पढाई ना रुके. नेहरु नगर मध्य विद्यालय कि प्रभारी
प्रधानाध्यापिका मृदुला कुमारी को तो अतिक्रमण शिकायत की एक फाइल ही बनानी
पड गयी, जिसके पन्ने लगभग बिहार सरकार के हर एक शिक्षा अधिकारी को
प्रतिलिपी के रुप में भेजे जा चुके है. अखबारों में भी इसकी खबर छपी है
लेकिन कोई असर नही पडा है. झुग्गी झोपडीयों के बीच में स्थित यह मध्य
विद्यालय धिरे धिरे स्थानीय लोगों के अतिक्रमण का शिकार होते जा रहा है.जमीन पर तो कब्जा किया ही है यहां के लोगों ने, साथ ही साथ कचरा घर बना दिया है विद्यालय को.जबकि यहां पर स्थानीय लोगों के बच्चे ही पढते है, जिनके घर में खाने के
लाले है जो अपने बच्चों को प्राइवेट विद्यालय में नही भेज सकते है. लेकीन
वो लोग अपने बच्चाे को पढाना चाहते है और दुसरी ओर वही लोग स्कूल को बंद
करने के कगार पर ले जा रहे है. हालांकि मृदुला कुमारी कई बार यहां के
प्रतिष्ठित लोगों के साथ बैठ कर स्थानीय लोगों काे समझाने का प्रयास भी की
है, लेकिन कोई सुधार नही दिख रहा है. उनके शिकायत के आधार पर पूर्व जिला
पदाधिकारी जितेंद्र कुमार व पटना सदर के अंचल पदाधिकारी भी जायजा लेकर जा
चुके है. अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हाे पायी है शिक्षा के मंदिर के माहौल
को बिगाडने वालों पर और ना ही कोई आशा की किरण दिखायी दे रही है. लेकिन
बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित मृदुला कुमारी को आज भी उम्मीद में है.
क्या है समस्या
1.जमीन पर स्थानीय लोगाें का कब्जा
बढते जा रहा है और जगह के अभाव में आठवीं तक का यह विद्यालय सिर्फ पांच
रूम में बामुश्किल से चल रहा है. खेलने के लिये मैदान नही है. गैलरी के बीच
में ही हैंडपम्प लगा हुआ है जिसके वजह से चारों तरफ पानी फैला रहता है,
जिसके वजह से कई बार शिक्षक व बच्चें गिरते रहते है. हालांकि कुछ विभागीय
आदेश से मध्यान भोजन बंद है लेकिन हमारे यहां किचन के लिये भी कमरा नही है.
इस वजह से पहले भी भोजन बाहर से आता था.
2. विद्यालय गेट पर पुरूष मूत्रालय बनने के वजह से काफी दिक्कत हो रहा है क्योकि यहां पर महिला शिक्षिका व छात्रा ज्यादा है और बदबू भी बदहाल कर दी है.
3. धुम्रपान रहित नही है विद्यालय
क्योंकी गेट पर गुमटी होने के कारण तंबाकू व सिगरेट यहां पर खुलेआम पीते
है. इसका बुरा प्रभाव बच्चों पर पडेगा. इतना ही नही विद्यालय के छत पर बैठ
कर गांजा भी खुलेआम बेखौफ पीते है लोग.
विद्यालय की खिड़की |
4. कचरों के वजह से बंद है विद्यालय कि खिडकीयां क्योंकी लोगों ने अगल बगल से कचरा डाल कर भर दिया है और पीछे वाली खिडकी को खोलने के साथ ही गोबर से भर जाता है क्लास रूम.
मल से भरा हुआ शौचालय |
5. विद्यालय का शौचालय बना सार्वजनिक,
मृदुला बताती है की सुबह सुबह यहां के स्थानीय लोग बाउंड्री फांद कर घुस
आते है और इधर उधर लेट्रींग कर के गंदा कर दिया है. अब यह शौचालय भर के बंद
हो चुका है जिसके वजह से सबसे ज्यादा परेशानी बच्चीयों को हो रहा है.
अधिकारी भी बेखबर
अंचल पदाधिकारी को सौंपा गया आवेदन |
नेहरु नगर मध्य विद्यालय कि प्रभारी प्रधानाध्यापिका मृदुला कुमारी ने पटना सदर के अंचल पदाधिकारी को आवेदन 19.03.2015 को ही दिया था और लगभग बिहार सरकार के अन्य शिक्षा अधिकारी को प्रतिलिपी भेजी है. लेकिन उनके शिकायत के आधार पर पूर्व जिला पदाधिकारी
जितेंद्र कुमार व पटना सदर के अंचल पदाधिकारी भी जायजा लेकर जा चुके है.
अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हाे पायी है.
मृदुला कुमारी,प्रभारी प्रधानाध्यापिका |
क्या कहते है शिक्षाकर्मी
'' ऐसे
मैं बेहतर संतुलित शिक्षा की कल्पना नही की जा सकती है और प्राइमरी शिक्षा
ही बच्चों का भविष्य तय करता है. लेकीन इस तरह की कुव्यवस्था के लिये
जिम्मेवार कोई भी हो लेकीन नुकसान तो उन अबोध बच्चों का ही है, जो की यहां
पर ज्ञान लेने के उद्देश्य से आये है और अतिक्रमण का शिकार हो रहे है. यह
हमारे समाज के लिये भी घातक है. मैं 1987 से यहां पर काम कर रही हूं ,इस
नाते व समाजिक दायित्व समझ कर बच्चों को उनका हक दिलाऊंगी''.
मृदुला कुमारी, ( प्रभारी प्रधानाध्यापिका)
''सरकार
को सुविधाओं के साथ साथ जांच भी करना चाहिये ताकि शिक्षा व्यवस्था को और
भी संतुलित व उच्च गुणवत्ता वाला बनाया जा सके. हमारी तरह अन्य भी
विद्यालय होंगे जो की अतिक्रमण का शिकार हो रहे हाेंगे. सरकार को इस पर
ध्यान देना चाहिये ताकि शिक्षा का वास्तविक उद्देश्य पूरा हाे. मैं एक माँ
होने के नाते इतना कहना चाहूंगी की ये मेरे बच्चे के जैसे है और इनको
अधिकार दिलाना मेरा कर्तव्य है''.
मंजू कुमारी सिंह, (शिक्षिका)